झंगोरे की खीर: यह झंगोरे (एक प्रकार का मोटा अनाज) से बनी मीठी खीर उत्तराखंड के विशेष मीठे में से एक है।
मडुवे की रोटी: यह स्वस्थ और पौष्टिक रोटी मडुआ (रागी) के आटे से बनाई जाती है।
गंगोत्री सिर्फ एक तीर्थ स्थल ही नहीं है; यह एक ऐसा onlinestedy4u स्थान है जहाँ स्थानीय संस्कृति और परंपराएँ जीवित हैं। दिवाली और गंगा दशहरा जैसे त्योहारों के दौरान यह शहर जीवंत हो उठता है, जब मंदिर को रोशनी से सजाया जाता है और हवा में भजनों और प्रार्थनाओं की गूँज सुनाई देती है। स्थानीय बाजार जीवंत होते हैं, जहाँ हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र और धार्मिक वस्तुएँ बिकती हैं जो क्षेत्र की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं।
ग्लेशियर का पिघलना: उत्तराखंड के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे ग्लेशियर झीलों का निर्माण हो रहा है जो अक्सर अस्थिर होती हैं और फट सकती हैं, जिससे नीचे की ओर विनाशकारी बाढ़ आ सकती है।
चार धाम भारत के चार महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थलों को संदर्भित करता है, जो उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं। ये चार धाम हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माने जाते हैं, और इन्हें जीवन में कम से कम एक बार अवश्य यात्रा करने योग्य माना जाता है। चार धाम निम्नलिखित हैं: यमुनोत्री,गंगोत्री,केदारनाथ,बद्रीनाथ
रिवर राफ्टिंग: ऋषिकेश विश्व की रिवर राफ्टिंग के लिए प्रसिद्ध है। गंगा नदी की तेज़ धाराओं में राफ्टिंग करना एक अद्भुत अनुभव है।
इन लक्षणों का अंदाज़ा होते ही आपको सचेत होना है और तमाम एहितायात बरतने होंगे, जिसमें चिकित्सीय सलाह लेना भी शामिल है.
वाइल्डलाइफ सफारी: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और राजाजी नेशनल पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग हैं। यहाँ बाघ, हाथी, और कई दुर्लभ पक्षियों को देखा जा सकता है।
ट्रेकिंग: यहाँ पर नंदा देवी, रूपकुंड, वैली ऑफ फ्लावर्स और हर की दून जैसी लोकप्रिय ट्रेकिंग रूट्स हैं।
प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता: बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदाओं के बारे में समुदायों को सतर्क करने के लिए बेहतर प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता बढ़ रही है। बेहतर पूर्वानुमान और संचार से जान-माल के नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है।
मंत्र और आरती: गणपति बप्पा की आरती और मंत्रों का जाप करें, जैसे कि "ॐ गं गणपतये नमः"।
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के नए प्रमुख के रूप में जसदीप सिंह गिल की नियुक्ति को समुदाय ने उत्साह के साथ स्वीकार किया है, क्योंकि उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो राधा स्वामी पथ के मूल्यों और शिक्षाओं को बनाए रखेंगे। उनके नेतृत्व में, डेरा ध्यान, सेवा और आध्यात्मिक शिक्षा पर अपना जोर बनाए रखने की उम्मीद है।
नए प्रमुख के रूप में, जसदीप सिंह गिल अपने आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति समर्पण और करुणामय और जुड़े हुए समुदाय की उनकी दृष्टि के साथ लाखों लोगों को प्रेरित करने के लिए तैयार हैं। उनका नेतृत्व राधा स्वामी सत्संग ब्यास को एक नई आध्यात्मिक जागरूकता के युग में मार्गदर्शन करने के लिए नई ऊर्जा और दिशा की भावना लाने की उम्मीद है।
स्थानीय लोगों द्वारा यह पर्व बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमे की बुग्याल देवी को सम्मानित करने के लिए आस-पास के गांवों के लोग भी शामिल होते है । ग्रामीणों द्वारा भगवान श्री कृष्ण और राधा के भव्य किरदार बनाए जाते है और कन्हैया लाल के द्वारा माखन की मटकी फोड़ी जाती है , कन्हैया लाल की झांकी निकली जाती है ग्रामीण लोग इस पर्व मे सराभौर हो जाते है और मस्ती मे डूब कर जय कन्हैया लाल के नारे लगाते हुए झूमते है ।
फॉर्म भरें: वहां उपलब्ध फॉर्म को भरें और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें।